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Shimla Sanjauli Masjid Dispute: शिमला की संजौली मस्जिद विवाद की वर्षगांठ पर हिंदू संगठनों ने सुक्खू सरकार का पिंडदान किया, मामला कोर्ट में विचाराधीन है और पुलिस तैनाती बढ़ाई गई है.

दरअसल, बीते एक साल पहले हुए इस विवाद में नगर निगम प्रशासन ने मस्जिद को गिरने के आदेश दिए थे. हालांकि, अब तक मस्जिद की एक ही मंजिल को तोड़ा गया है. मामला कोर्ट में भी विचारधीन है.
हिमाचल प्रदेश देवभूमि संघर्ष समिति के संयोजक विजय शर्मा ने बुधवार को कहा था कि बीते साल 11 सितंबर को संजौली में बनी अवैध मस्जिद के खिलाफ बड़ी संख्या में लोग सड़कों पर उतरे थे और इस दौरान पुलिस ने लाठियां भांजी थी. उन्होंने कहा कि देवभूमि संघर्ष समिति प्रदेश सरकार के रवैया को काले दिन के रूप में मनाएगी और 11 सितंबर को आंदोलन की वर्षगांठ पर संजौली में प्रदेश सरकार का अर्ध पिंडदान किया गया है. उन्होंने कहा कि मामला अभी न्यायालय में विचाराधीन है समिति ने जल्द इस मामले में फैसला आने की उम्मीद जताई है.
संजौली मस्जिद के पास तैनात पुलिस जवान.
गौरतलब है कि संजौली में एक मारपीट मामले के बाद यह पूरा विवाद भड़का था. इसके बाद संजौली मस्जिद में अवैध निर्माण को गिराने के लिए प्रदेशभर में प्रोटेस्ट हुए. बाद में नगर निगम की आयुक्त कोर्ट ने मस्जिद की ऊपरी मंजिलों को गिराने के आदेश दिए थे. लेकिन बाद में पूरी मस्जिद को ही अवैध करार देते हुए ढहाने के आदेश दिए थे. अहम बात है कि मस्जिद कमेटी ने भी ऊपरी मंजिलों को तोड़ने का काम चालू किया था लेकिन बीच में पैसों की कमी के चलते काम रुक गया. कोर्ट में अब भी मामला चल रहा है. अवैध निर्माण का विवाद साल 2010 से चल रहा है. हालांकि, मस्जिद को अब तक धराशाई ना करने पर हिंदू संगठनों में अब भी रोष है.
Results-driven journalist with 14 years of experience in print and digital media. Proven track record of working with esteemed organizations such as Dainik Bhaskar, IANS, Punjab Kesari and Amar Ujala. Currently…और पढ़ें
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