भारत-चीन रिश्तों पर चीन के राजदूत का बड़ा बयान, इतिहास से सबक, भविष्य पर फोकस


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India China Relation: दिल्ली में चीन के राजदूत शू फेइहोंग बोले- द्वितीय विश्वयुद्ध में भारत-चीन ने साथ मिलकर लड़ा. उन्होंने कहा, अब शांति और विकास की दिशा में लिखना होगा नया अध्याय, व्यापार और रिश्तों पर दिया ज…और पढ़ें

“टैगोर से गांधी तक… चीन बोला: भारत-चीन साथ आएं, बदल जाएगा एशिया का खेल!दिल्ली में चीन के राजदूत शू फेइहोंग ने कहा कि भारत और चीन ने WWII में साथ लड़ाई लड़ी थी. (फोटो चीन एंबेसी)
नई दिल्ली: द्वितीय विश्व युद्ध की याद में आयोजित एक विशेष कार्यक्रम में भारत में चीन के राजदूत एम्बेसडर शू फेइहोंग (Amb. Xu Feihong) ने भारत-चीन संबंधों पर महत्वपूर्ण वक्तव्य दिया. उन्होंने कहा कि इतिहास गवाह है कि भारत और चीन ने हमेशा मुश्किल दौर में एक-दूसरे का साथ दिया है और आज दोनों देशों को मिलकर शांति और विकास का नया अध्याय लिखना चाहिए.

राजदूत ने याद दिलाया कि द्वितीय विश्व युद्ध के समय 25 लाख से अधिक भारतीय सैनिकों ने विभिन्न मोर्चों पर बहादुरी से लड़ाई लड़ी, जबकि हजारों भारतीय कामगारों ने चीन में रणनीतिक महत्व रखने वाली लेडो रोड (Ledo Road) का निर्माण किया. उन्होंने कहा कि भारतीय नेताओं ने भी उस दौर में चीन के संघर्ष का समर्थन किया. रवीन्द्रनाथ टैगोर ने चीन के पक्ष में आवाज उठाई और महात्मा गांधी ने चीनी जनता के साहस और बलिदान की सराहना की.

  • मित्रता को आगे बढ़ाना- पड़ोसी देशों की तरह शांतिपूर्ण सहअस्तित्व और आपसी विश्वास को बढ़ाना. उन्होंने कहा कि पंचशील सिद्धांत दोनों देशों की साझेदारी की रीढ़ हैं और इन्हें और मजबूत करना होगा.
  • एकता और विकास का नया अध्याय- राजदूत ने कहा कि जिस तरह 80 साल पहले भारत और चीन ने मिलकर फासीवाद का मुकाबला किया था, उसी तरह आज भी दोनों देश गरीबी, जलवायु संकट और असमानता जैसी चुनौतियों से मिलकर निपट सकते हैं. विकास दोनों का साझा एजेंडा है और इसके लिए संसाधनों का परस्पर उपयोग जरूरी है.
  • लोगों के बीच रिश्ते गहराना- उन्होंने कहा कि राजनीतिक दलों, संसदों, थिंक टैंकों, मीडिया और युवाओं के बीच संवाद बढ़ाना बेहद जरूरी है. यह न सिर्फ कूटनीतिक रिश्तों को मजबूत करेगा बल्कि आम जनता के बीच भरोसा भी बढ़ाएगा.
व्यापार और सांस्कृतिक रिश्ते
राजदूत ने कहा कि भारत और चीन के आर्थिक रिश्ते लगातार मजबूत हो रहे हैं. सिर्फ सात महीनों में दोनों देशों का व्यापार 88 अरब डॉलर तक पहुंच चुका है. यह आंकड़ा इस बात का संकेत है कि दोनों देश एक-दूसरे के लिए कितने अहम साझेदार हैं.

उन्होंने बताया कि इस साल चीन ने 2.4 लाख से अधिक भारतीय नागरिकों को वीजा जारी किए हैं. तीर्थयात्रा और पर्यटन वीजा की शुरुआत भी हो चुकी है और बहुत जल्द दोनों देशों के बीच सीधी उड़ानों की बहाली होगी. उन्होंने इसे ‘लोगों के बीच पुल बनाने’ की दिशा में बड़ा कदम बताया.

“इतिहास बदला नहीं जा सकता, लेकिन भविष्य गढ़ा जा सकता है”
शू फेइहोंग ने अपने संबोधन का समापन इस संदेश के साथ किया कि इतिहास को कोई नहीं बदल सकता, लेकिन उससे सबक लेकर भविष्य जरूर बनाया जा सकता है. उन्होंने कहा कि भारत और चीन को शांति और सहयोग की मशाल को पीढ़ी दर पीढ़ी आगे बढ़ाना होगा.

उनके मुताबिक, ड्रैगन और हाथी मिलकर आगे बढ़ेंगे तो न सिर्फ एशिया बल्कि पूरी दुनिया को शांति, विकास और सभ्यता का उज्ज्वल रास्ता दिखा सकते हैं.

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Sumit Kumar

Sumit Kumar is working as Senior Sub Editor in News18 Hindi. He has been associated with the Central Desk team here for the last 3 years. He has a Master’s degree in Journalism. Before working in News18 Hindi, …और पढ़ें

Sumit Kumar is working as Senior Sub Editor in News18 Hindi. He has been associated with the Central Desk team here for the last 3 years. He has a Master’s degree in Journalism. Before working in News18 Hindi, … और पढ़ें

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