नेपाल में मचा बवाल! भारत के साथ व्यापार पर मंडराया खतरा, इन कंपनियों को हो सकता है नुकसान


नेपाल में हाल के दिनों में फैली हिंसा और राजनीतिक अस्थिरता ने भारत के साथ उसके व्यापारिक रिश्तों पर असर डाला है. नेपाल में सोशल मीडिया पर पाबंदी और वहां की अशांति ने स्थिति को और जटिल कर दिया है. इसका असर भारत की कई कंपनियों और व्यापार पर पड़ रहा है, क्योंकि भारत और नेपाल के बीच व्यापार का रिश्ता बहुत गहरा और पुराना है.

भारत नेपाल का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है, और इस अस्थिरता से दोनों देशों के कारोबार पर असर पड़ सकता है. नेपाल में हिंसा की वजह से सबसे ज्यादा नुकसान पर्यटन, परिवहन और व्यापार से जुड़ी भारतीय कंपनियों को हो रहा है.

एयरलाइंस को नुकसान

नेपाल भारतीय पर्यटकों के लिए खास जगह है, खासकर सर्दियों में. लेकिन हिंसा के कारण भारतीय विदेश मंत्रालय ने नेपाल की यात्रा से बचने की सलाह दी है. काठमांडू हवाई अड्डा बंद होने से एयर इंडिया और इंडिगो जैसी एयरलाइंस को उड़ानें रद्द करनी पड़ी हैं. इससे इन कंपनियों को आर्थिक नुकसान हो रहा है, क्योंकि पर्यटकों की बुकिंग रद्द हो रही हैं और नई बुकिंग भी नहीं हो रही. ट्रैवल कंपनियों ने नेपाल के लिए ग्रुप टूर रोक दिए हैं, जिससे उनकी आय पर बुरा असर पड़ रहा है.

ट्रांसपोर्टेश से जुड़ी कंपनियों पर असर

नेपाल में सड़क मार्ग से माल की आवाजाही भी प्रभावित हुई है. नेपाल सरकार ने सिर्फ मालवाहक वाहनों को सीमा पार करने की इजाजत दी है, लेकिन निजी और पर्यटक वाहनों पर रोक है. इससे ट्रांसपोर्ट कंपनियों, खासकर छोटे व्यापारियों को नुकसान हो रहा है. रक्सौल-बीरगंज और सुनौली-भैरहवा जैसे सीमा बिंदुओं पर पहले भी अशांति के कारण रुकावटें आई हैं, जिससे सामान की डिलीवरी में देरी हुई.

खासकर खराब होने वाले सामान, दवाइयां और औद्योगिक सामग्री को लेकर भारतीय निर्यातक चिंतित हैं. भारत से नेपाल तक ज्यादातर सामान सड़क मार्ग से जाता है, क्योंकि नेपाल एक भू-आवेष्टित(landlocked) देश है. रक्सौल-बीरगंज सबसे व्यस्त व्यापारिक मार्ग है, जो पेट्रोलियम, खाद्य पदार्थ, वाहन और मशीनरी जैसे सामान ले जाता है.

नेपाल की अर्थव्यवस्था का बड़ा हिस्सा भारत पर निर्भर

वित्त वर्ष 2025 में भारत ने नेपाल को 7.32 बिलियन डॉलर का सामान निर्यात किया, जबकि नेपाल से 1.2 बिलियन डॉलर का आयात हुआ. भारत से नेपाल को पेट्रोलियम, वाहन, मशीनरी, बिजली के उपकरण और खाद्य पदार्थ जैसी चीजें जाती हैं. अगर हिंसा काठमांडू से बाहर फैली, तो व्यापारिक मार्गों पर और असर पड़ सकता है. नेपाल की अर्थव्यवस्था का बड़ा हिस्सा भारत पर निर्भर है. नेपाल में हिंसा से वहां के बाजार बंद हैं, जिससे भारतीय आयातकों को भी नुकसान हो सकता है.

सोशल मीडिया पर पाबंदी ने भी व्यापार को मुश्किल बनाया. भले ही इस बैन को कुछ समय के बाद हटा दिया गया. लेकिन नेपाल में हिंसक प्रदर्शन अभी भी जारी है. अगर यह अशांति जल्द खत्म नहीं हुई, तो भारतीय कंपनियों, खासकर पर्यटन, परिवहन और निर्यात से जुड़ी कंपनियों को और नुकसान होगा. भारत सरकार स्थिति पर नजर रख रही है और व्यापार को सुचारू रखने के लिए नेपाल के साथ बातचीत जारी रखना चाहती है.



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