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CBI Bank Fraud Case : भाजपा विधायक सुरेंद्र पटवा के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी हुआ है. इंदौर MP-MLA कोर्ट ने CBI द्वारा दर्ज बैंक धोखाधड़ी मामले में वह आरोपी हैं.

भोपाल. भाजपा विधायक और पूर्व मंत्री सुरेंद्र पटवा के भोपाल स्थित सरकारी आवास पर उनका गिरफ्तारी वारंट लगा हुआ है. यह इंदौर में स्थित विशेष MP-MLA कोर्ट ने जारी किया है. यह आदेश CBI द्वारा 2023 में दायर बैंक धोखाधड़ी चार्जशीट के बाद आया है. पटवा भोजपुर विधानसभा क्षेत्र से विधायक हैं और पूर्व मुख्यमंत्री सुंदरलाल पटवा के भतीजे भी कहे जाते हैं. कोर्ट के समन की बार-बार अनदेखी करने के कारण अब उनका अरेस्ट वारंट जारी हुआ है. भाजपा विधायक और पूर्व पर्यटन मंत्री सुरेंद्र पटवा पर गंभीर आरोप हैं और वे कोर्ट में पेश होने से बच रहे हैं.
आरोपी सुरेंद्र पटवा के खिलाफ 10 दिनों के भीतर दूसरी बार वारंट जारी हुआ है. 29 अगस्त 2025 को वारंट जारी हुआ था और पटवा को 8 सितंबर को कोर्ट में पेश होना था. पेश न होने पर 9 सितंबर 2025 को पटवा के खिलाफ फिर से वारंट जारी किया गया है. बताया जाता है कि पटवा के खिलाफ लगभग 100 के करीब चेक बाउंस के मामले जिला कोर्ट में पेंडिंग हैं.
चार्जशीट के अनुसार Patwa Automotive Pvt Ltd, जहाँ सुरेंद्र और उनकी पत्नी मोनिका पटवा निदेशक थे, ने इंदौर के बैंक ऑफ बड़ौदा से 2014 में ₹36 करोड़ का ऋण लिया था. यह ऋण 2017 तक NPA घोषित कर दिया गया, और बाद में अप-फ़्रॉड माना गया. कथित तौर पर बैंक कर्मचारियों के साथ मिलीभगत कर ₹29.41 करोड़ राशि ग़लत दिशा में खर्च की गई थी. CBI ने भोपाल और इंदौर में पटवा के परिसरों में छापेमारी की थी, जहां से संदिग्ध दस्तावेज जब्त किए गए थे जो वित्तीय गड़बड़ी के संकेत देते थे. इसके बाद उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ और अब भाजपा के विधायक को अरेस्ट से बचने के लिए कोर्ट में पेश होना पड़ेगा.
चेक बाउंस मामले में छह महीने की सजा
पटवा पहले भी कानूनी विवादों से जुड़े रहे हैं. 2020 में उन्हें चेक बाउंस मामले में छह महीने की सजा हुई थी, बाद में जमानत पर रिहा किया गया था. वर्तमान गिरफ्तारी वारंट नए राजनीतिक और कानूनी संकट को जन्म दे सकता है. राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि यदि पटवा गिरफ्तारी के बाद भी पेश नहीं होते हैं, तो CBI उन्हें हिरासत में लेने और न्यायिक प्रक्रिया आगे बढ़ाने के लिए कानूनी कार्रवाई शुरू कर सकती है. यह मुद्दा भाजपा के राज्य स्तर पर राजनीतिक लाभ-हानि दोनों पक्षों के लिए निर्णायक हो सकता है.
सुमित वर्मा, News18 में 4 सालों से एसोसिएट एडीटर पद पर कार्यरत हैं. बीते 3 दशकों से सक्रिय पत्रकारिता में अपनी अलग पहचान रखते हैं. देश के नामचीन मीडिया संस्थानों में सजग जिम्मेदार पदों पर काम करने का अनुभव. प…और पढ़ें
सुमित वर्मा, News18 में 4 सालों से एसोसिएट एडीटर पद पर कार्यरत हैं. बीते 3 दशकों से सक्रिय पत्रकारिता में अपनी अलग पहचान रखते हैं. देश के नामचीन मीडिया संस्थानों में सजग जिम्मेदार पदों पर काम करने का अनुभव. प… और पढ़ें