इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, शुक्रवार को शुत्राणा, लेहरा और मूनक विधानसभा क्षेत्रों के गांवों में बादल ने 10 लाख रुपये नकद और 20,000 लीटर से अधिक डीज़ल वितरित किया. उन्होंने कहा कि अगर सरकार समय पर संसाधन उपलब्ध कराती, तो नकद रुपये देने की ज़रूरत नहीं पड़ती. उनके अनुसार, ‘लंगर और राशन की कोई कमी नहीं है, क्योंकि गुरुद्वारे और समुदाय इस काम को बखूबी संभाल रहे हैं. असल ज़रूरत डीज़ल और नकद की है ताकि ट्रैक्टर और नावों के ज़रिये मिट्टी, पत्थर और लोहे की जालियां लाई जा सकें और बांधों को मज़बूत किया जा सके.’
रूपनगर के चमकौर साहिब में बादल खुद ट्रैक्टर चलाकर धुस्सी बांध तक पहुंचे. सरंगपुर फस्से में उन्होंने 2 लाख रुपये, दाउदपुर में 2 लाख रुपये और 1,000 लीटर डीज़ल दिया और 5,000 लीटर और जल्द उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया. साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि 500 अकाली कार्यकर्ता गांववासियों की मदद के लिए बांध मज़बूत करने के काम में लगाए जाएंगे.
दो दिन में बांटे 20 लाख नकद, 60 हजार लीटर डीजल
किसानों के साथ बातचीत में बादल ने कहा कि पटियाला और संगरूर के सैकड़ों गांवों को बचाने का एकमात्र समाधान घग्गर नदी की चैनलाइजेशन है. इसके लिए पक्के तटबंध बनाने की ज़रूरत है. उन्होंने दावा किया कि अकाली सरकार ने पहले चरण में खानाौरी से मकड़ोर साहिब तक का काम पूरा कर लिया था और अगर SAD सत्ता में आई तो दूसरा चरण प्राथमिकता पर लिया जाएगा.
AAP-कांग्रेस पर साधा निशाना
ग्रामीणों ने उन पर भरोसा जताते हुए ‘सुखबीर सिंह बादल ज़िंदाबाद’ और ‘किसानां दी सरकार फिर आवेगी’ के नारे लगाए. इस मौके पर बादल ने लोगों से ‘चढ़दी कला’ में रहने की अपील की और कहा कि SAD कार्यकर्ता न सिर्फ तटबंधों को मज़बूत करने में बल्कि बाढ़ का पानी उतरने के बाद खेतों से रेत हटाने में भी किसानों की मदद करेंगे.