कैबिनेट मंत्री बेबी रानी मौर्य ने बुलाई मीटिंग, अधिकारी ही नहीं आए, बाहर किसानों ने काट दिया बवाल


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Cabinet minister Baby Rani Maurya: कैबिनेट मंत्री ने नाराजगी जताते हुए बैठक को तुरंत स्थगित कर दिया और स्पष्ट किया कि किसानों की समस्याओं को सुनना और उनका समाधान करना प्रशासन की प्राथमिक जिम्मेदारी है. उन्होंने…और पढ़ें

कैबिनेट मंत्री बेबी रानी मौर्य की मीटिंग से नदारत रहे अधिकारी
Cabinet minister Baby Rani Maurya: आगरा में सोमवार को कैबिनेट मंत्री बेबी रानी मौर्य की अध्यक्षता में किसान बैठक आयोजित की गई थी. मगर यहां एक हैरान करने वाला मामला सामने आया. बैठक में कोई भी जिम्मेदार अधिकारी उपस्थित नहीं था. मंत्री निर्धारित समय पर विकास भवन में किसानों की समस्याएं सुनने पहुंची थीं, लेकिन प्रशासनिक अधिकारियों की गैरहाजिरी के कारण माहौल गरमा गया.

कैबिनेट मंत्री ने नाराजगी जताते हुए बैठक को तुरंत स्थगित कर दिया और स्पष्ट किया कि किसानों की समस्याओं को सुनना और उनका समाधान करना प्रशासन की प्राथमिक जिम्मेदारी है. उन्होंने आरोप लगाया कि “आगरा के अधिकारी किसानों की आवाज सुनना ही नहीं चाहते.” बेबी रानी मौर्य ने घोषणा की कि वह इस मामले की शिकायत मुख्यमंत्री से करेंगी और गैर-जिम्मेदार अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग करेंगी.

समस्याएं जस की तस बनी
बैठक अचानक स्थगित होने से नाराज किसानों ने जोरदार नारेबाजी शुरू कर दी. किसान नेताओं ने “आगरा प्रशासन मुर्दाबाद” के नारे लगाए और अधिकारियों पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए. किसानों का कहना था कि वर्षों से उनकी समस्याएं जस की तस बनी हुई हैं और अधिकारी कभी भी गंभीरता से उनकी बात नहीं सुनते. जिससे हमेशा उनकी परेशानी बनी रहती है और उसका कोई समाधान नहीं होता. इसका कारण सिर्फ लापरवाह अधिकारी हैं.

प्रशासनिक अधिकारियों की लापरवाही
किसानों की नाराज़गी इस बात से भी थी कि जब राज्य की कैबिनेट मंत्री खुद उनके बीच आकर समस्याएं सुनने के लिए तैयार हैं, तब प्रशासनिक अधिकारियों की लापरवाही सरकार और जनता दोनों का अपमान है. उन्होंने नारेबाजी करते हुए कहा कि इस तरह के अधिकारियों पर एक्शन लिया जाना चाहिए. ताकी भविष्य में किसी और गलती के लिए पहले से सजग रहे. इस तरह की घोर लापरवाही हम किसानों का अपमान है.

किसानों की बदहाली
इस पूरे घटनाक्रम ने न केवल आगरा प्रशासन की कार्यशैली पर सवाल खड़े कर दिए हैं, बल्कि किसानों की बदहाली और उनकी आवाज की अनदेखी को भी उजागर किया है. अब सबकी नजरें मुख्यमंत्री कार्यालय पर है कि गैरहाजिर अधिकारियों के खिलाफ क्या कार्रवाई की जाती है. किसानों का कहना है कि इनके खिलाफ कोई ठोस कदम उठाया जाए. जिससे हमारी समस्या का समाधान हो सके.

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Manish Rai

काशी के बगल चंदौली से ताल्लुक रखते है. बिजेनस, सेहत, स्पोर्टस, राजनीति, लाइफस्टाइल और ट्रैवल से जुड़ी खबरें पढ़ना पसंद है. मीडिया में करियर की शुरुआत ईटीवी भारत हैदराबाद से हुई. डिजिटल में 7 साल से ज्यादा का अन…और पढ़ें

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कैबिनेट मंत्री बेबी रानी मौर्य ने बुलाई मीटिंग, मगर नहीं आए कोई अधिकारी



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