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राउज एवेन्यू कोर्ट ने सोनिया गांधी के खिलाफ एफआईआर की मांग खारिज की, विकास त्रिपाठी की याचिका में पर्याप्त सबूत नहीं मिले, कांग्रेस को राहत मिली, त्रिपाठी आगे विचार करेंगे.
शिकायत में दावा किया गया था कि सोनिया गांधी ने भारतीय नागरिकता 1983 में हासिल की, लेकिन उससे पहले ही उन्होंने गलत दस्तावेजों के आधार पर मतदाता सूची में अपना नाम दर्ज कराया था. त्रिपाठी ने आरोप लगाया कि उनका नाम सबसे पहले 1980 में नई दिल्ली सीट की वोटर लिस्ट में जोड़ा गया, लेकिन 1982 में इसे हटा दिया गया. इसके बाद 1983 में उनका नाम दोबारा मतदाता सूची में शामिल कर लिया गया. हालांकि कोर्ट ने इस शिकायत को आधारहीन मानते हुए खारिज कर दिया और एफआईआर दर्ज करने की अनुमति नहीं दी। कोर्ट ने कहा कि याचिका में लगाए गए आरोपों को साबित करने के लिए पर्याप्त सबूत नहीं हैं.
सोनिया गांधी लंबे समय से कांग्रेस की प्रमुख चेहरों में शामिल रही हैं और कई बार विपक्ष की ओर से उनके खिलाफ नागरिकता और दस्तावेजों को लेकर सवाल उठाए जाते रहे हैं. लेकिन इस मामले में अदालत का साफ रुख सामने आया है कि FIR दर्ज करने की जरूरत नहीं है. इस फैसले के बाद कांग्रेस खेमे ने राहत की सांस ली है, वहीं याचिकाकर्ता विकास त्रिपाठी ने कहा कि वह आगे की कानूनी राह पर विचार करेंगे.
Mr. Gyanendra Kumar Mishra is associated with hindi.news18.com. working on home page. He has 20 yrs of rich experience in journalism. He Started his career with Amar Ujala then worked for ‘Hindustan Times Group…और पढ़ें
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