लाह की खेती झारखंड में कैसे करें और कितना मुनाफा मिलता है.


Last Updated:

झारखंड में 70% लाह की खेती होती है, जिसमें कुसुम और बेर पेड़ों का उपयोग होता है. शक्ति ने 15-16 जिलों में लीज पर पेड़ लेकर करोड़ों रुपए कमाए हैं.

रांची: झारखंड में देश का लगभग 70% लाह की खेती होती है. लाह की खेती के लिए कुसुम और बेर जैसे पेड़ों की जरूरत होती है, जो झारखंड में सबसे अधिक पाए जाते हैं. इन पेड़ों में लाह के कीड़े लाह बनाते हैं. इस खेती की खास बात यह है कि इसके लिए जमीन की जरूरत नहीं होती और ना ही हर दिन खेत में जाने की जरूरत होती है.

जानें कैसे करें लाह की खेती 

रांची के लाह विशेषज्ञ शक्ति बताते हैं कि लाह की खेती के लिए खेत में उतरने की जरूरत नहीं होती है. सबसे पहले गांव और जिलों का सर्वे करना होता है कि किसके पास सबसे अधिक कुसुम और बेर के पेड़ हैं. फिर उन पेड़ों को लीज पर लेना होता है. हम जो मुनाफा कमाते हैं, उसका 60% हम रखते हैं और 40% पेड़ मालिक को देते हैं. बता दें कि पेड़ मिलने पर उसकी हर डाली में थोड़ा-थोड़ा लाह बांधना होता है. लाह कहीं से भी खरीद सकते हैं और फिर किसी की मदद से हर डाली में बांध सकते हैं.

लाह की खेती का परिणाम

चार महीने के भीतर लाह पूरी तरह से पेड़ और डालियों को ढक लेता है. फिर इसे हटाकर एक जगह इकट्ठा करना होता है. बड़ी पेंट कंपनियां या चूड़ी बनाने वाली कंपनियां इसे खरीदने आती हैं. बाजार में 1 किलो लाह की कीमत 900 तक होती है. एक पेड़ से एक क्विंटल लाह आराम से निकाला जा सकता है. अगर लीज पर 100 पेड़ हों, तो 30 से 35 लाख रुपए तक कमा सकते हैं. साल में 2-3 बार खेती करने पर करोड़ों रुपए कमा सकते हैं. विशेषज्ञ ने बताया कि उन्होंने खुद ऐसा करके कमाया है और एक साथ 15-16 जिलों में पेड़ लीज पर लेकर यह काम किया है.

homeagriculture

करोड़पति बनने के लिए करें इस फसल की खेती, पेड़ से होगी 90000 की कमाई



Source link

Leave a Comment