2 करोड़ का जैकपॉट! 12वीं में कम नंबर से IIT में नहीं मिला था एडमिशन, अब Google ने कर दी पैसों की बारिश


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Shivam Raj Success Story: झारखंड के गुमला के रहने वाले शिवम राज को विश्व प्रसिद्ध कंपनी गूगल ने नौकरी दी है. इसके लिए उन्हें सालाना 2 करोड़ रुपये का पैकेज ऑफर किया गया है. लेकिन सफलता की इस कहानी के पीछे का संघ…और पढ़ें

कभी IIT में नहीं मिला था एडमिशन, अब Google ने दिया 2 करोड़ का पैकेजगुमला के शिवम राज को गूगल में मिला 2 करोड़ का पैकेज(फाइल फोटो)
रांची: झारखंड के शिवम राज ने अपनी कड़ी मेहनत और लगन से यह साबित कर दिया है कि एक बार की असफलता से हार मानकर नहीं बैठना चाहिए. बल्कि अपने लक्ष्य को लेकर इरादे मजबूत रखने चाहिए. जिससे सफलता निश्चित मिलती है. झारखंड के गुमला जिले के सालेगुटू गांव के रहने वाले शिवम को गूगल में करीब 2 करोड़ रुपये का सालाना पैकेज मिला है. लेकिन यहां तक का उनका सफर आसान नहीं था. 12वीं में कम नंबर आने के बाद भी उन्होंने हार नहीं मानी. जिसका नजीता है कि आज एक बड़े मुकाम पर खड़े हैं.

12वीं में नहीं थे अच्छे मार्क्स!
दरअसल, शिवम को पहली बार 12वीं की परीक्षा में अपेक्षाकृत अंक नहीं मिले थे. जिससे वे इंजीनियरिंग के लिए जरूरी जेईई एडवांस की परीक्षा नहीं दे पा रहे थे. पहली बार उन्हें केवल 74% अंक मिले थे. इससे वजह से आईआईटी जैसे संस्थानों में नहीं जा पा रहे थे. इस असफलता से निराश होने के बजाय, शिवम ने एक साल और पढ़ाई करने का फैसला किया. उनकी मेहनत रंग लाई और अगली बार उन्होंने 12वीं में 86% अंक हासिल किए. इसके बाद उन्होंने जेईई मेन और जेईई एडवांस दोनों परीक्षाओं को सफलतापूर्वक पास किया.

BIT मेसरा से की इंजीनियरिंग
शिवम ने रांची के जेवीएम श्यामली स्कूल से पढ़ाई की और 2021 में बीआईटी मेसरा से कंप्यूटर साइंस में बीटेक की डिग्री हासिल की. कैंपस प्लेसमेंट में ही उन्हें 52 लाख रुपये का शानदार पैकेज मिला. इसके बाद उन्होंने दो साल तक फ्रंटएंड डेवलपर के रूप में काम करते हुए अपनी तकनीकी क्षमताओं को और मजबूत किया. फिर वे यूनिवर्सिटी ऑफ मैसाचुसेट्स, ऐमहर्स्ट से कंप्यूटर साइंस में मास्टर्स करने चले गए. अपनी पढ़ाई के दौरान ही उन्होंने गूगल के करियर पोर्टल के माध्यम से नौकरी के लिए आवेदन किया और चार इंटरव्यू के बाद उन्हें यह बड़ी सफलता मिली.

सफलता का मूल मंत्र
शिवम का मानना है कि असफलता हमें खुद को सुधारने का मौका देती है. उनके अनुसार, सफलता का मंत्र है लगातार सीखते रहना और रोज कुछ नया सीखना. शिवम के पिता प्रोफेसर राजकुमार ओहदार और मां डॉ. अर्चना कुमारी भी प्रोफेसर हैं. उनका परिवार फिलहाल रांची के अरगोड़ा इलाके में रहता है.

दूसरों के लिए प्रेरणा
बता दें कि 12वीं की परीक्षा में 74 प्रतिशत अंक लाना बुरा प्रदर्शन नहीं है. लेकिन इससे हार ना मानकर शिवम ने बड़ी मिसाल पेश की है. उन्होंने अपने सपने से समझाता करने के बजाय एक और बार प्रयार करने का फैसला लिया. उनकी यह कहानी उन सभी युवाओं के लिए एक बड़ी प्रेरणा है, जो जीवन में छोटी असफलताओं से निराश हो जाते हैं.

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