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केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि हालिया GST सुधार और टैक्स राहत का मकसद आम जनता, खासकर ग्रामीण और मध्यम वर्ग को सीधी राहत देना है. इन बदलावों से उपभोग में 10 फीसदी बढ़ोतरी और GDP में 20 लाख करोड़ रुपये …और पढ़ें
उपभोग से बढ़ेगा GDP
अश्विनी वैष्णव ने बताया कि वर्तमान में देश की GDP में उपभोग का हिस्सा लगभग ₹202 लाख करोड़ है. अगर इसमें सिर्फ 10 फीसदी की बढ़ोतरी होती है, तो यह GDP में करीब 20 लाख करोड़ रुपये का अतिरिक्त योगदान दे सकता है. इसका सीधा असर रोजगार, निवेश और आर्थिक गतिविधियों पर देखने को मिलेगा. विशेषज्ञों का मानना है कि टैक्स राहत और सरल GST व्यवस्था से लोगों के हाथ में अधिक पैसा बचेगा, जिससे वे ज्यादा खर्च करेंगे और बाजार की रफ्तार तेज होगी.
नए GST स्ट्रक्चर के तहत कर दरों को सरल और स्पष्ट बनाया गया है. अब आवश्यक वस्तुओं पर 5 फीसदी, सामान्य उपयोग की चीजों पर 18 फीसदी, जबकि लग्जरी और सिन उत्पादों पर 40 फीसदी टैक्स लगेगा. इससे रोजाना की जरूरत के सामान और सेवाएं सस्ती होंगी. त्योहारों के मौसम में यह बदलाव उपभोक्ताओं के लिए बड़ी राहत साबित होगा और बाजार में खरीदारी का उत्साह बढ़ाएगा.
अर्थव्यवस्था को नई रफ्तार
इन सुधारों से न सिर्फ आम जनता को लाभ मिलेगा, बल्कि पूरी अर्थव्यवस्था को भी नई दिशा मिलेगी. टैक्स सरलीकरण से कारोबार करना आसान होगा और निवेशक विश्वास भी बढ़ेगा. सरकार का मानना है कि उपभोग और उत्पादन दोनों में बढ़ोतरी होगी, जिससे रोजगार के अवसर भी पैदा होंगे. कुल मिलाकर, GST सुधार और टैक्स राहत एक साथ मिलकर भारत की अर्थव्यवस्था को तेजी से विकास की राह पर ले जाने का काम करेंगे.
Rakesh Singh is a chief sub editor with 14 years of experience in media and publication. International affairs, Politics and agriculture are area of Interest. Many articles written by Rakesh Singh published in …और पढ़ें
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