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Fever Health Tips: बदलते मौसम में बुखार आम समस्या बन गया है. आयुर्वेद के अनुसार शुरुआती बुखार में लंघन, मध्य अवस्था में पाचन औषधि और अंतिम अवस्था में इम्यूनिटी बढ़ाने वाली औषधियों का उपयोग करना चाहिए. इससे शरीर…और पढ़ें
बुखार आने पर अपनाएं ये आयुर्वेदिक उपाय
आयास आयुर्वेदिक चिकित्सालय से बी.ए.एम.एस., एम.डी. डॉक्टर हर्ष ने बताया कि आयुर्वेद में बुखार यानी ज्वर के अलग-अलग चरण बताए गए हैं. शुरुआती चरण में बुखार होने पर सबसे पहले लंघन करना चाहिए यानी भूखे रहना चाहिए. इस चरण में बेड रेस्ट लेना जरूरी है, पंखा बंद करें, कंबल ओढ़कर लेट जाएं और शरीर में पसीना आने दें. हर आधे घंटे में उबलता हुआ पानी चाय की तरह चुस्की लेकर पिएं. यह प्रक्रिया शरीर के अंदर टॉक्सिन को पचाने में मदद करती है.
बुखार आपका शत्रु नहीं, मित्र है
डॉ. हर्ष बताते हैं कि बुखार वास्तव में आपका शत्रु नहीं बल्कि मित्र होता है. बुखार यानी शरीर का तापमान सामान्य से बढ़ जाना. यह संकेत है कि शरीर में किसी प्रकार का बैक्टीरियल या वायरल इंफेक्शन है. अगर केवल पेरासिटामोल या एंटीबायोटिक ले लिया जाए, तो शरीर की अपनी इम्यूनिटी सक्रिय नहीं होती. आयुर्वेद के अनुसार बुखार का उद्देश्य शरीर के अंदर वायरस और बैक्टीरिया को समाप्त करना है. इसलिए आयुर्वेदिक सिद्धांतों के अनुसार चरणबद्ध उपचार करना सबसे सुरक्षित और लाभकारी होता है.
पिछले 5 साल से मीडिया में सक्रिय, वर्तमान में News18 हिंदी में कार्यरत. डिजिटल और प्रिंट मीडिया दोनों का अनुभव है. मुझे लाइफस्टाइल और ट्रैवल से जुड़ी खबरें लिखना और पढ़ना पसंद है.
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