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Vrindavan Free Stay : वृंदावन का एक ऐसा आश्रम है, जो लोगों के लिए एक वरदान साबित हो रहा है. भूखे को भोजन और निराश्रित को आसरा दे रहा है. इस आश्रम में निस्वार्थ भाव से लोगों की सेवा के लिए सदैव तत्पर है.

मथुरा : अगर आप भी मथुरा वृंदावन घूमने आ रहे हैं और चाहते हैं कि यहां फ्री में ही रहना, खाना सब हो जाए तो आपकी मदद यह खबर कर देगी. इस खबर में आपको बताएंगे कि आप वृंदावन में कहां पर निशुल्‍क ठहर सकते हैं. केवल यही नहीं आपको फ्री में भरपेट स्‍वादिष्‍ट भोजन भी मिलेगा. दरअसल, वृंदावन में एक आश्रम ऐसा है, जहां आपके पास पैसे ना हो तो भी आपके रहने खाने की सुविधा बिल्कुल नि:शुल्क हो जाएगी. आप एक दिन रहे या दो दिन, बिना पैसे दिए इस आश्रम में रह सकते हैं. आश्रम में भोजन प्रसादी भी आप निःशुल्क पा सकते हैं.

वृंदावन के नीम करौली बाबा मंदिर के पास परिक्रमा मार्ग स्थित गोरे दाऊ जी आश्रम में आपको यह सुविधा मिलेगी. यहां रहने, खाने की व्यवस्था नि:शुल्क मिल जाएगी. बस आपको अपना आधार कार्ड दिखाकर रहने के लिए कमरा आप ले सकते हैं.

70 वर्षों से निशुल्क कमरे और भोजन उपलब्ध कराया जा रहा है..
उत्तर प्रदेश का मथुरा और यहां से 12 किलोमीटर दूर स्थित है, वृंदावन. यहां आस्था की दृष्टि से हजारों श्रद्धालु हर दिन भगवान बांके बिहारी के दर्शन के लिए आते हैं. कोई भक्त यहां आकर ढाई हजार या 5000 का किराए पर रूम लेता है. किसी भक्त को यहां भोजन भी करने के लिए पैसे नहीं होते हैं. भगवान बांके बिहारी ने सभी भक्तों को एक समान मानते हुए यहां रहने खाने की व्यवस्था नि:शुल्क कर रखी है.

वृंदावन का एक ऐसा आश्रम है, जो लोगों के लिए एक वरदान साबित हो रहा है. भूखे को भोजन और निराश्रित को आसरा दे रहा है. इस आश्रम में निस्वार्थ भाव से लोगों की सेवा के लिए सदैव तत्पर है. 24 घंटे मंदिर के दरवाजे यहां आने वाले श्रद्धालुओं के लिए खुले रहते हैं. वृंदावन के गोरे दाऊजी मंदिर में हर दिन हजारों श्रद्धालु जाकर विश्राम करते हैं और भोजन आदि की व्यवस्था यहां आने वाले श्रद्धालुओं के लिए की गई है.

आश्रम में रहने खाने की व्यवस्था निशुल्क
गोरे दाऊजी मंदिर के महंत गोविंद दास महाराज ने लोकल 18 से बातचीत करते हुए बताया कि कोई भी भक्त यहां भूखा नहीं सोता है. आश्रम में रहने खाने की व्यवस्था निशुल्क है. किसी से कोई शुल्क निर्धारित कर नहीं लिया जाता है. अगर कोई व्यक्ति दान देना चाहता है, तो वह संत और गौ सेवा के साथ-साथ ब्रज वासियों की सेवा का अवसर उठा सकता है.

उन्होंने बताया कि 70 वर्षों से लगातार इस सेवा को गोरे दाऊजी आश्रम कर रहा है. भूखे को भोजन देना, निराश्रित को आश्रय देना, गोरे दाऊजी आश्रम की प्रमुखता है. महंत गोविंद दास महाराज ने यह भी बताया कि हर दिन प्रसादी 11:00 बजे तक चलती है. जिसका कोई भी शुल्क नहीं लिया जाता है. हर दिन प्रसाद भी बदल बदल कर तैयार की जाती है और भक्त उसका आनंद लेते हैं.

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Sandeep KumarSenior Assistant Editor

Senior Assistant Editor in News18 Hindi with the responsibility of Regional Head (Uttar Pradesh, Uttarakhand, Bihar, Jharkhand, Rajasthan, Madhya Pradesh, Chhattisgarh, Himachal Pradesh, Haryana). Active in jou…और पढ़ें

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वृंदावन में फ्री रहना और खाना, चाहे कितने भी दिन रुकिये, कोई खर्चा नहीं





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